छोटे-छोटे उपायों से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान श्रीगणेश
भगवान श्रीगणेश
भगवान श्रीगणेश मंगल करने वाले और विघ्न-बाधाओं को दूर करने वाले हैं। किसी भी कार्य को आरंभ करने से पहले भगवान श्रीगणेश का नाम अवश्य लें। सभी देवताओं में भगवान श्रीगणेश प्रथम पूज्य हैं। बहुत छोटे-छोटे उपायों से विनायक प्रसन्न हो जाते हैं। माना जाता है कि जिस घर में भगवान श्रीगणेश का वास होता है वहां सारे संकट दूर हो जाते हैं।
श्रीगणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश के नामों का स्मरण करें। घी-गुड़ और मोदक का भोग लगाएं। घर में अगर नकारात्मक शक्तियों का वास महसूस होता है तो गणेश चतुर्थी के दिन घर के मंदिर में सफेद रंग के गणपति की स्थापना करें। इस बात का ध्यान रखें कि घर में भगवान श्रीगणेश की ज्यादा मूर्तियां या तस्वीरें नहीं होनी चाहिए। वास्तु दोषों का निवारण भगवान गणपति की पूजा से हो जाता है। जहां भगवान श्री गणेश की नियमित पूजा होती है वहां से वास्तु दोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। कार्यस्थल पर खड़े हुए श्रीगणेश का चित्र लगाएं और उनके दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हों। ऐसा करने से सदैव स्फूर्ति और उमंग का वातावरण बना रहता है। इसी प्रकार घर में बैठे हुए श्रीगणेश की मूर्ति रखना चाहिए। इससे परिवार में स्थायी सुख समृद्धि आती है। हमेशा शुद्ध स्थान पर ही श्रीगणेश की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। घर या कार्यस्थल में श्रीगणेश की प्रतिमा लगाने से पहले इसका ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में भगवान का मुख दक्षिण दिशा में न हो। सर्वमंगल की कामना के लिए सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करें। कला या शिक्षा के लिए नृत्य करते हुए श्रीगणेश की मूर्ति का पूजन करें।
इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।
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