दांतों की सफाई से याददाश्त होती है तेज
सुबह बिस्तर छोड़ते ही हमारा सबसे पहला काम ब्रश करना ही होता है. बचपन से लेकर बुढ़ापे तक दांतों की सफाई व ताजगी के लिए ब्रश करना हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है. हाल में किये गये एक शोध में बताया गया है कि वयस्कों द्वारा अपने दांतों की उचित देखभाल करना यानी नियमित रूप से ब्रश करना याददाश्त बनाये रखने में मददगार साबित होता है. पहले के शोधों में भी दांतों की साफ-सफाई न रखने को डिमेंशिया (याददाश्त कम होना) समेत हृदयरोग, स्ट्रोक व डायबिटीज के लिए जिम्मेदार बताया गया था. न्यूयार्क के कोलंबिया कालेज के शोधकर्ताओं के मुताबिक मसूढ़ों की बीमारी मस्तिष्क की क्रियाविधि को प्रभावित करने के साथ पूरे शरीर में जलन पैदा करती है. शोध में 60 साल व उससे ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया गया. जिन लोगों में मसूढ़ों की बीमारी के लिए जिम्मेदार पैथोजन ज्यादा पाया गया उनमें याददाश्त संबंधी दिक्कतें देखी गयी. प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर जेम्स नोबल ने बताया, जिन लोगों में पैथोजन का उच्च स्तर पाया गया उनमें याददाश्त की गंभीर परेशानी देखी गयी. शोध से साफ है कि दांतों-मसूढ़ों की उचित देखभाल न करने से डिमेंशिया का खतरा पैदा हो सकता है. जर्नल आफ न्यूरोलाजी, न्यूरोसर्जरी एंड साइकाइट्री में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक करीब 2400 पुरुषों व महिलाओं पर किये गये शोध में दांतों की बीमारियों को याददाश्त पर प्रभाव डालने वाला पाया गया. दांतों की बीमारी से पीड़ित 5.7 फीसदी लोगों को याददाश्त की सामान्य समस्या देखी गयी, जबकि 6.5 फीसदी लोगों को री-काल (दोबारा याद करना) व 22.1 फीसदी लोगों में लगातार भूलने की परेशानी देखी गयी.
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