एकादशी के दिन ये उपाय
प्रत्येक एकादशी के दिन सुख एवं ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी को शुद्ध घी का नौ बत्तियों वाला दीपक अर्पित कर उनकी आरती करें।एकादशी के दिन ब्रह्म मुहुर्त में उठकर घर के मुख्य द्वार की दहलीज पर तांबे का सिक्का नए लाल रंग के वस्त्र में बांध कर लगाने से घर में धन, समृद्धि का आगमन होता है।प्रात उठकर पीपल, तुलसी एवं सूर्य देव को जल चढ़ा कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।शनिवार को श्याम वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं, घर का कोना-कोना सुव्यवस्थित रखें और मुख्य द्वार को रंगोली से सजाएं।शास्त्रों में अतिथि को भगवान का दर्जा दिया गया है। मेहमान घर आएं तो प्रसन्न मुख से उनका स्वागत करें। वह चाहें अमीर हो या गरीब उनका अपनी शक्ति के अनुसार उचित आदर-सत्कार करें। ऐसा करने से यज्ञ करने के समान पुण्य प्राप्त होता है।साधु और संत धरती के देवता होते हैं। इनका धर्म सभी जीवों का हित करने वाला होने से वह सार्वधर्म या विश्वधर्म कहलाते हैं। स्वर्ग के इंद्र, देव और दानव भी इन्हें नमस्कार करते हैं। इनकी सेवा करने से भगवान की अनन्य सेवा होती है।भिखारी अथवा याचक को जहां तक आपके लिए संभव हो उसे प्रसन्न करके ही विदा करें। अपने द्वार पर आए हुए किसी भी याचक को खाली हाथ न लौटाएं।अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा दान अथवा भलाई में खर्च करें। यहां पर लगाया धन कई गुना बढ़कर वापिस लौटता है। ब्राह्मण विष्णु भगवान का रूप होता है। तो दान लेने का पहला हक उन्हीं का होता है। अगर ब्राह्मण उपलब्ध न हो तो मूर्तियों में बसे देवी देवताओं को दान करना चाहिए। मूर्तियों में रहने वाले देवता से दान का फल बहुत देर से मिलता है, तो मनुष्य को ब्राह्मण, जरूरतमंद, गरीब को दान करना चाहिए जिसका फल तुरन्त ही अवश्य मिलता है।आयु, धन, घर के दोष, मंत्र, मैथुन, औषध, दान, मान एवं अपमान इन नौ विषयों को बहुत गुप्त रखना चाहिए अर्थात किसी को नहीं बताना चाहिए।
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