*ब्राह्मण को डुबोने वाली तीन-*
1-दारु ,
2-दोगङ ,
3-दगा ।
*ब्राह्मण के लिये जरुरी तीन-*
1-सँस्कार ,
2- मेहनत ,
3-भाईचारा ॥
*ब्राह्मण को प्रिय तीन-*
1-न्याय ,
2-नमन ,
3-आदर ।
*ब्राह्मण को अप्रिय तीन-*
1-अपमान,
2- विश्वासघात ,
3-अनादर ॥
*ब्राह्मण को महान बनाने वाले तीन-*
1-शरणागत रक्षक,
2-दयालूता,
3-परोपकार ।
*ब्राह्मण के लिये अब जरुरी तीन-*
1-एकता ,
2-सँस्कार ,
3-धर्म पालन ।।
*ब्राह्मण के लिये छोङने वाली तीन-*
1-बुरी संगत ,
2- कुप्रथाएँ ,
3- आपसी मनमुटाव ॥
*ब्राह्मण को जोङने वाली तीन-*
1-गौरवशाली इतिहास,
2- परम्पराएँ ,
3-हमारे आदर्श...
अगर आप भी ब्राह्मण है,
तो आगे भेजो।
*जय परशुराम ...हर हर महादेव*
*ब्राह्मणो का योगदान -*
भारत के क्रान्तिकारियो मे
*90% क्रान्तिकारी ब्राह्मण* थे ।
जरा देखो कुछ मशहूर ब्राह्मण क्रान्तिकारियो के नाम
*ब्राह्मण स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी*
चंद्रशेखर आजाद
सुखदेव
विनायक दामोदर सावरकर( वीर सावरकर )
बाल गंगाधर तिलक
रानी लक्ष्मी बाई
पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल
मंगल पान्डेय
लाला लाजपत राय
देशबन्धु डा. राजीव दीक्षित
शिवराम राजगुरु
विनोबा भावे
गोपाल कृष्ण गोखले
कर्नल लक्ष्मी सह्गल ( आजाद हिंद फ़ौज
की पहली महिला )
पण्डित मदन मोहन मालवीय
डा. शंकर दयाल शर्मा
रवि शंकर व्यास
मोहनलाल पंड्या
महादेव गोविंद रानाडे
बाल गंगाधर तिलक
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
बिपिन चंद्र पाल
नर हरि पारीख
हरगोविन्द पंत
गोविन्द बल्लभ पंत
बदरी दत्त पाण्डे
प्रेम बल्लभ पाण्डे
भोलादत पाण्डे
लक्ष्मीदत्त शास्त्री
मोरारजी देसाई
महावीर त्यागी
बाबा राघव दास
स्वामी सहजानन्द
यह है ब्राह्मणो का भारत की आजादी मे योगदान , तुम्हारा क्या है ?
जरा बताओ तो तुम किस अधिकार से स्वयं को भारतीय कहते हो और ब्राह्मणो का विरोध करते हो ।
मुझे गर्व है मैं ब्राह्मण हूं ।
यदि ब्राह्मण नही होगा तो किसी का भी अस्तित्व
नही होगा ।
*अथर्व वेद के 5/19/10 मे स्पष्ट लिखा है बाह्मणो की उपेक्षा व तिरस्कार की बात सोचने मात्र से ही सोचने वाले का सर्वस्व पतन होना शुरू हो जाता है ।*
क्योकि
ब्राह्मण दान देने पे आया तो
-दधीचि,
दान लेने पे आया तो
सुदामा
परीक्षा लेने पे आया तो
-भृगु,
तपोबल पे आया तो
कपिल मुनि
अहंकार को दबाने पे आया तो
अगस्त मुनि
धर्म को बचाने पे आया तो
आदि शंकराचार्य
नीति पे आया तो ...
-चाणकय,
नेतृत्व करने पे आया तो
-अटल बिहारी,
बग़ावत पे आया तो
-मंगल पांडे,
क्रांति पे आया तो
-चंद्रशेखर आज़ाद,
संगठित करने पे आया तो
-केशव बलिराम हेगड़ेवार,
संघर्ष करने पे आया तो
-विनायक राव सावरकर
निराश हुआ तो
-नाथु राम गोडसे
और
क्रोध मे आया तो
-परशुराम
*कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नही हमारे ब्राह्मण देवताओं की।*
*मिट गये मिटाने वाले हमारे ब्राह्मण देवताओं को*
इस संदेश को इतना फैलाओ कि हर ब्राह्मण के मोबाईल मे पहुँचे ....
*ब्रम्हाशक्ति विजयते*
*समस्त ब्राम्हण परिवार*
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