सच्चा प्यार करने वालों के लिए शायरी
मोहब्बत की तलाश में,
निकले हो तुम
अरे ओ पागल…
मोहब्बत खुद तलाश करती है…
जिसे बर्बाद करना हो|
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सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली,
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली,
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर,
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली।
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उल्फत का यह दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है,
दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,
कांच का खिलौना गिरके चूर-चूर होता है!
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