तमन्ना है मेर ेमन की,
हरपल साथ तुम्हारा हो
1. माना कि नसीब में हमारे सनम नहीं,
फिरभी कोई शिकवाया गम नहीं।
तन्हा हैं फिर भी जिये जा रहे हैं,
क्योंकि बदनसीब तो वो हैं जिनके नसीब में हमनहीं।
2. तमन्ना है मेरे मन की,
हर पलसाथ तुम्हारा हो.
जितनी भी सांसे चले मेरी,
हरसांसपर नामतुम्हारा हो.
3. एकपल की ये बात नहीं,
दो पल का ये साथ नहीं.
4. कहने को तो जिंदगी जन्नत से प्यारी है,
पर वो साथ ही क्या जिसमें तेरा हाथ नहीं.
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