सावधान! पिटाई से बच्चे होते हैं ज्यादा आक्रामक
डांट, मार के जरिए बच्चों को सुधारने का की सोच रखने वाले सावधान हो जाएं क्योंकि इससे बच्चे सुधरते नहीं बल्कि मार खाने के 10 मिनट के अंदर दोबारा शैतानी शुरु कर देते हैं और उनमें आक्रमकता बढ़ जाती है और ऐसे बच्चे उग्र स्वभाव के हो जाते हैं।
अमेरिका में हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि दुनिया का कोई भी ऐसा कोना नहीं है जहां माता पिता अपने बच्चे को मारते नहीं हैं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अभिभावक जितना स्वीकार करते हैं बच्चे को उससे कहीं अधिक मारते हैं। डलास के सर्दन मेथाडिस्ट यूनीवर्सिटी के शोधर्कताओं ने अपने अध्ययन के लिए 33 अलग-अलग परिवारों में वाइस रिकॉर्डर लगवाए। इन घरों पर छह दिनों तक निगरानी करने के बाद शोधर्कताओं ने पाया कि अलग-अलग समय पर एक बच्चे को 41 बार मारा गया। 75 प्रतिशत बच्चे मार खाने के 10 मिनट के अंदर ही बदमाशी करना शुरु कर देते हैं।
शोध के नतीजों ने इन परिवारों को चौंका दिया क्योंकि माता- पिता को पता ही नहीं था कि अनजाने में वे अपने बच्चे को कितनी बार मार रहे हैं। हालांकि मार-पीट से बच्चे में सुधार की गुंजाइश ज्यादा नहीं होती और मार खाने के 10 मिनट के अंदर ही बच्चा दोबारा शैतानी करना शुरु कर देता है।
डलास के सर्दन मेथाडिस्ट यूनीवर्सिटी के शोधर्कतओं के अगुवा डॉ जार्ज होल्डेन कहते हैं कि ज्यादा मारने से बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती है जैसे कुछ बच्चे ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। इसी विषय पर पहले हुए अध्ययन भी बताते हैं कि ज्यादा मार डांट खाने वाले बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होती है।
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