गुस्से पर काबू कैसे पाया जाये
हम और आप अक्सर यह कहते सुनते हैं कि गुस्से में मैनें बोल दिया,मैं अपने आप को काबू में नहीं रख सका, यह नहीं बोलना चाहिए था, इस तरह की घटनाएँ आप को कुछ देर के लिए परेशान करती हैं. कई बार आपका गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि आप काँपने लगते हैं, और ऐसा कुछ कर बैठते हैं जिसका पछतावा आपको जिदंगी भर करना पड़ता है, आप अपने परिवार, दोस्तों, शागीर्दों से सब कुछ तोड़ लेते हैं आप इस बात की ज़िद मान कर बैठे जाते हैं कि मैं नहीं जाऊँगा बात करने, लेकिन मेरे भाई! आप ये तो सोचिए की ऐसी नौबत ही क्यों आई. अब हम आपको कुछ टिप्स देंगे, जिससे आप बड़ी आसानी से अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं.
सबसे पहले आप यह सोचिए की आपको किन बातों से नफ़रत है, जिनसे आपको गुस्सा आ जाता है. इसके बाद आप उन जगहों या व्यक्तियों से परहेज़ करें, कहीं आप को उन बातों से रोज़ रू-ब-रू होना पड़े तो आप इसके लिए उपाय सोचिए, गुस्साकर के आप अपना ही घाटा उठाते हैं. आप किसी भी बात को गंभीरता से सोचिए अगर बात गंभीर होगी तो आपको खुद ही गुस्सा नहीं आएगा. बेवजह गुस्सा करके आप अपना ही रक्तचाप बढ़ाते हैं. आप चाहें तो यह भी सोच सकते हैं कि समस्या का समाधान गुस्से से नहीं एकदम ठंड़े दिमाग़ से ही हातेा है. आप किसी को यह मौका ना दें कि वो आप पर हँसता हुआ यह कहे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे.
यार विद्धानों ने ठीक ही कहा है कि गुस्सा आदमी की बुद्धि का अपहरण कर लेती हैं. एक बार यह याद कीजिए की आपको पिछली बार गुस्सा क्यों आया था, नहीं याद आया ना, पर अभी तक आपके परम मित्र से आप की बातचीत नहीं होती जो आपकी बारात में सबसे ज्यादा नाचा था. आप यह तो जानते हीं होंगे कि गुस्सा सबसे ज़्यादा कमज़ोर लोगों को आता है जो कुछ नहीं कर सकते, या भीतर से खाली हैं उन्हे गुस्सा सबसे अधिक आता है.
अगली बार जब आपको लगे कि गुस्सा आने जैसा कुछ काम हो रहा है, तो आप नीचे लिखे कुछ उपायों को आज़मा के देखिए मुझे पूरा यकीन है कि आपको गुस्सा नहीं आएगा.
आप चुप रहिए, बिल्कुल मत बोलिए. किसी की बातों का जवाब ऐसे दीजिए जैसे आप कुछ सोच कर बोलते हैं. गुस्सा जब आपके सिर पर सवार हो जाए तो एक बार अपना चेहरा आईनें में देखें.
एक गिलास ठंड़ा पानी उसी समय पीजिए. अपनी आँखें बंद कर लें मुट्ठी बंद कर लें.
रिसर्च कहते हैं कि गुस्से पर काबू रखने वाला अधिक सफल होता है.
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