जय गौमाता जय गोपाल*ना मेरी तकदीर का ना सारे जहान का,*
*मेरे घर में जो कुछ भी है,*
*दिया हुआ है गौमाता” का,*
.
*दबी पड़ी है झोपड़ी “गौमाता” के एहसान से,*
*भरा पड़ा है घर मेरा “गौमाता” के सामान से,*
*रोम-रोम मेरा कर्जदार है,*
*”गोमाता के एहसान का,*
*मेरे घर में जो कुछ भी है,*
*दिया हुआ है “गौमाता” का !!*
जैजै गौमाता
नारायण नारायण
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Share kre