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किसी ने कहा ---जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हैं।
बहुत सुंदर जवाब
हवा तो धुप में भी चलती है पर आनंद
छाँव मे बैठ कर मिलता है
वैसे ही भगवान सब तरफ है पर
आनंद मंदिर मे ही आता है।।
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स्नेह वंदन
शुभ प्रभात
*आपका दिन मंगलमय हो
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Deepak shastri bhanekagaon
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