*मनुष्य की वास्तविक पूंजी धन नहीं,*
*बल्कि उसके विचार हैं,*
*क्यों कि धन तो खरीदारी में*
*दूसरों के पास चला जाता हैं,*
*पर विचार अपने पास ही रहते हैं !*
*अच्छा काम करते रहो कोई*
*सम्मान करे,*
*या न करे, सूर्योदय तब भी होता हैं,*
*जब करोड़ों, लोग सोये होते हैं !!*
जय श्री कृष्णा
good morning
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Share kre