दोहा २३
कबीर पांच पखेरुआ , राखा पोश लगाय ।
एक जू आया पारधी , लगइया सबै उड़ाय ।।
अर्थ: सन्त शिरोमणि कबीर दस जी कहते है कि अपान, उदान , समान , व्यान और प्राण रूपी पांच पक्षियों को मनुष्य अन्न जल आदि पाल पोषकर सुरक्षित रखा किन्तु एक दिन काल रूपी शिकारी उड़ाकर अपने साथ ले गया अर्थात मृत्यु हो गयी ।
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