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*क्या खूब लिखा है किसी ने-*
*लाख दलदल हो,*
*पाँव जमाए रखिये;*
*हाथ खाली ही सही,*
*ऊपर उठाये रखिये;*
*कौन कहता है छलनी में,*
*पानी रुक नहीं सकता;*
*बर्फ बनने तक,*
*हौसला बनाये रखिये।*
*Good morning*
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