*नव बसंत की सुंदर बेला*
*पर दो रितुओं का सुंदर संगम है |*
*हरियाली परिपूर्ण धरा पर*
*पवन बसन्ती का अद्भुत आगम है ||*
*धरा सुसज्जित मन मोहक*
*पुष्पों से बसंती चुनर से श्रंगारित है |*
*रितुराज तुम्हारे स्वागत में*
*चहुँ दिशि प्रकृति बहुत ही हुल्षित है ||*
*पवन सुगंधित मंद मंद नव*
*परिधान पहन धरा सुसज्जित है |*
*आओ बंधु सब मिल कर करते*
*स्वागत जो वैदिकता पर आधारित है ||*
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभ कामनाए ।
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