मंगलवार, 8 सितंबर 2020

धौलपुर से एक कविता रोज......शिक्षक..*🎖️👇✍️✍️✍️✍🏾✍️✍️✍️सुरेंद्र सिंह परमार वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं कवि बाड़ी

*✒️धौलपुर से एक कविता रोज......शिक्षक..*🎖️👇


शिक्षक तू शिक्षक है श्रेष्ठ स्वाभिमान तेरा,
छोटी-छोटी बाधाओं से, काहे घबराता है।
तेरा तो प्रभाव, तेरे कर्मों चरित्र से है,
दांभिक प्रभाव हेतु, काहे ललचाता है।

धौलपुर से एक कविता रोज......शिक्षक..

शिक्षक तू शिक्षक है श्रेष्ठ स्वाभिमान तेरा,
छोटी-छोटी बाधाओं से, काहे घबराता है।
तेरा तो प्रभाव, तेरे कर्मों चरित्र से है,
दांभिक प्रभाव हेतु, काहे ललचाता है।
ज्ञान बल, मान बल, ये ही दो महान बल,
धन बल सीमित है, काहे पछताता है।
तू ही गर तूफानों में, झुक गया मीत मेरे,
दूसरा है कौन जो किए रास्ता दिखाता है।।
विश्व को विवेक दिया, खंड को अखंड किया,
पीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान, अंतरित किया है।
युवक तो आग होते, जग को जला देते वे,
तुमने अंगारों को भी, संतुलित किया है।
तप, त्याग, तेज तीनों, साथ में रखे हैं सदा,
विविध अभावों में भी, उपकार किया है।
अंधकार से लड़ा है, लड़ता रहेगा सदा,
शिक्षक तो दिया है, समाज ने क्या दिया है।।
शिक्षक पवित्रता का नाम होता मेरे मीत,
शिक्षक के पास गया, वो पवित्र हो गया।
शिक्षक है मा की गोद, शिक्षक पिता का प्यार,
शिक्षक वही है जो, सभी का मित्र हो गया।
शिक्षक सहारा भी है, शिक्षक किनारा भी है,
शिक्षक विचारा हुआ, ये विचित्र हो गया।
कौन ढूंढ़ पाएगा जहां में श्रेष्ठ संस्कार,
अगर गुरू जी का ही, जो चरित्र खो गया।।
सुरेंद्र सिंह परमार
वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं कवि
बाड़ी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Share kre

हमारे इस ब्लॉगर पेज पर आप सभी का स्वागत है सभी से निवेदन है कि पेज की पोस्ट को पसंद करेंऔर शेयर कर

Shram Card Payment Status 1000 Kist: ऐसे चेक करें अपनी किस्त का पैसा

Shram Card Payment Status 1000 Kist: ऐसे चेक करें अपनी किस्त का पैसा February 15, 2025 by admin WhatsApp Group Join Now Telegram...