जानिए, हमें भगवान् श्री कृष्ण के जीवन से क्या सीख मिलती है?
भगवान् श्री कृष्णा हम सभी के जीवन में प्रेरणा के स्तोत्र की तरह माना जाते हैं. उनकी चंचलता, मुस्कान, सबके मन को मोह लेने वाली प्रतीत होती है और उदार दिल उनकी खासियतों में से एक मानी जाती है. आज कल के इस जीवन में हमें उनके जीवन से क्या सीख लेनी चाहिए और क्या अपने जीवन में धारण करना चाहिए इन सबके बारे में आज बात करने जा रहे है, तो मेरी आप सभी से एक ही विनती है की कही मत जाइयेगा भगवान वशुदेव का ध्यान करते हुए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े, और मुझे उम्मीद है आपका जीवन अवश्य ही सफल हो जायेगा|
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अगर इंसान चाहे तो इस दुनिया में क्या नहीं हासिल कर सकता है, लेकिन ज़रूरत होनी चाहिए की अनुशासित होकर सत्य के मार्ग पर कदम बढ़ाने की. भगवान कृष्ण कहते की इंसान के लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता. अगर हम सभी भगवान के दिखाए मार्ग पर अपने कदम बढ़ाते चले, तो एक दिन सफ़लता और कामयाबी से हमें कोई भी बाधा अधिक दिनों तक वंचित नहीं रख सकती है .
अगर आप भी अपना जीवन में सफ़ल बनाना चाहते है और ज़िंदगी को एक नयामुकाम देना चाहते है तो , भगवान कृष्ण की इन बातों को अपने जीवन में अवश्य उतरनी चाहिए, अगर सच कहूं तो ये महज विचार ही नहीं, बल्कि जीवन के सक्सेस बनाने का आसन तरीका भी माना जाता हैं. इन्हीं सफ़लता की सीढ़ियों को चढ़कर हम सभी अपने जीवन के उद्देश्य को सफल बना सकते हैं
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भगवान कृष्णा कहते की
अच्छे कर्म करो, व्यर्थ की बातों में अपना समय कभी भी नष्ट मत करो और न ही किसी से बेवजह नही डरना चाहिए.
दोस्ती उसी से करनी चाहिए, जो कठिन परिस्थितियों में भी आपका हमेशा साथ दें. सच्चे दोस्ती में शर्तों की कोई जगह नहीं होती है .
किसी भी काम या प्रतियोगिता को संकल्प लेने से पहले उसकी रणनीति बनाना अति आवश्यक होता है.
कभी भी किसी के विचार के बंधन में नही बंधना चाहिए. आप अपना खुद के विचार विकसित करो.
हर इंसान को दूरदर्शी होने के साथ-साथ हर परिस्थिति का आंकलन करना आना चाहिये.
मुसीबत में या सफ़लता न मिलने पर हिम्मत नही हारना चाहिए. बल्कि आप को समस्याओं का डट कर सामना करना चाहिए .
अनुशासन में जीना, व्यर्थ चिंता न करना और भविष्य के बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने प्रविर्ती होनी चाहिए .
दोस्ती में कभी भी अमीरी-गरीबी नही देखना चाहिए सिर्फ सच्चाई और ईमानदारी से दोस्ती निभाना चाहिए जब विरोधियों का पलड़ा भारी हो, तो विजय पाने के लिए कूटनीति का रास्ता अवश्य अपनाना चाहिए.
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