बुधवार, 22 जुलाई 2020

यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय हैहिन्दी वर्णमाला का क्रम से कवितामय प्रयोग-बेहतरीन है

यह कविता जिसने भी लिखी प्रशंसनीय है
हिन्दी वर्णमाला का क्रम से कवितामय प्रयोग-बेहतरीन है

*अ* चानक
*आ* कर मुझसे
*इ* ठलाता हुआ पंछी बोला

*ई* श्वर ने मानव को तो
*उ* त्तम ज्ञान-दान से तौला

*ऊ* पर हो तुम सब जीवों में
*ऋ* ष्य तुल्य अनमोल
*ए* क अकेली जात अनोखी

*ऐ* सी क्या मजबूरी तुमको
*ओ* ट रहे होंठों की शोख़ी

*औ* र सताकर कमज़ोरों को
*अं* ग तुम्हारा खिल जाता है
*अ:* तुम्हें क्या मिल जाता है.?

*क* हा मैंने- कि कहो
*ख* ग आज सम्पूर्ण
*ग* र्व से कि- हर अभाव में भी
*घ* र तुम्हारा बड़े मजे से
*च* ल रहा है

*छो* टी सी- टहनी के सिरे की
*ज* गह में, बिना किसी
*झ* गड़े के, ना ही किसी
*ट* कराव के पूरा कुनबा पल रहा है

*ठौ* र यहीं है उसमें
*डा* ली-डाली, पत्ते-पत्ते
*ढ* लता सूरज
*त* रावट देता है

*थ* कावट सारी, पूरे
*दि* वस की-तारों की लड़ियों से
*ध* न-धान्य की लिखावट लेता है

*ना* दान-नियति से अनजान अरे
*प्र* गतिशील मानव
*फ़* रेब के पुतलो
*ब* न बैठे हो समर्थ
*भ* ला याद कहाँ तुम्हें
*म* नुष्यता का अर्थ.?

*य* ह जो थी, प्रभु की
*र* चना अनुपम...

*ला* लच-लोभ के 
*व* शिभूत होकर
*श* र्म-धर्म सब तजकर
*ष* ड्यंत्रों के खेतों में
*स* दा पाप-बीजों को बोकर
*हो* कर स्वयं से दूर
*क्ष* णभंगुर सुख में अटक चुके हो
*त्रा* स को आमंत्रित करते
*ज्ञा* न-पथ से भटक चुके हो.!!


*🙏🏻🔱🚩 जय जय श्री राम🚩🔱🙏🏻*

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Share kre

हमारे इस ब्लॉगर पेज पर आप सभी का स्वागत है सभी से निवेदन है कि पेज की पोस्ट को पसंद करेंऔर शेयर कर

Shram Card Payment Status 1000 Kist: ऐसे चेक करें अपनी किस्त का पैसा

Shram Card Payment Status 1000 Kist: ऐसे चेक करें अपनी किस्त का पैसा February 15, 2025 by admin WhatsApp Group Join Now Telegram...